कम विजिबिलिटी से दिल्ली एयरपोर्ट पर हवाई यातायात प्रभावित, 131 फ्लाइट्स रद्द

दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कम विजिबिलिटी के कारण फ्लाइट ऑपरेशन्स में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिससे अलग-अलग एयरलाइन कंपनियों को कुल 131 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ीं। दिल्ली एयरपोर्ट लिमिटेड के एक अधिकारी ने मंगलवार को ये जानकारी दी। अधिकारी ने कहा, ‘‘खराब विजिबिलिटी के कारण दिल्ली एयरपोर्ट से अभी तक 52 डिपार्चर और 79 अराइवल फ्लाइट्स समेत कुल 131 फ्लाइट्स कैंसिल की जा चुकी हैं।’’

घने कोहरे की वजह से खराब हो रही है विजिबिलिटी

उत्तर भारत में घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी खराब होती जा रही है, जिससे पूरे नेटवर्क में फ्लाइट प्रोग्राम पर बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका है। उत्तर भारत में, जिनमें एयर इंडिया का प्राथमिक केंद्र दिल्ली भी शामिल है। विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने 10 दिसंबर से 10 फरवरी तक की अवधि को इस सर्दी के दौरान आधिकारिक कोहरे की अवधि के रूप में घोषित किया है।

इंडिगो ने मंगलवार को कैंसिल कीं 113 फ्लाइट्स

इसी बीच, परिचालन संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने दिल्ली एयरपोर्ट पर खराब मौसम के कारण पैदा हुई दिक्कतों के कारण अपने नेटवर्क की 113 फ्लाइट्स मंगलवार को कैंसिल कर दीं। इसके अलावा, एयरलाइन कपंनी ने ये भी कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर खराब मौसम के कारण वो बुधवार को भी 42 फ्लाइट्स ऑपरेट नहीं करेगी।

इंडिगो ने एक्स पर पोस्ट किया अपडेट

इंडिगो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा कि जैसे-जैसे सर्दी का मौसम शुरू हो रहा है, उत्तर भारत में सुबह-सुबह कोहरा छा सकता है, जिससे कभी-कभी फ्लाइट्स की आवाजाही धीमी हो सकती है। एयरलाइन कंपनी ने ये भी कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर खराब मौसम के कारण हुई दिक्कतों के चलते उसने मंगलवार को 110 फ्लाइट्स कैंसिल कर दीं। इंडिगो ने कहा, ‘‘हमारी टीम पूरी तरह से तैयार हैं और मौसम की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही हैं।’’

क्या हैं कोहरे में संचालन के मानदंड

कोहरे में संचालन (सीएटी-111बी) के मानदंडों के तहत, कंपनी को अनिवार्य रूप से ऐसे क्रू मेंबर्स को तैनात करना होता है, जिन्हें कम विजिबिलिटी की स्थिति में ऑपरेट करने के लिए ट्रेन किया गया हो और साथ ही ऐसे प्लेन का भी इस्तेमाल करना होता है, जो इस तरह के ऑपरेशन के लिए उपयुक्त हों।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button